Fundamental Analysis – Share Market में अगर आप लम्बे समय तक Invest करना चाहते है और अच्छा मुनाफा बनाना चाहते है तो आपको Fundamental analysis करना जरूर आना चाहिए। Fundamental Analysis करने से आपको Company की Financial Details पता चल जाता है जिससे आपको यह idea लग जाता है की कौन सी Company अपने Business में Profit बना रही है और कौन सी company में आपको निवेश करना चाहिए जिससे आपको भी profit हो।
Share Market में Fundamental Analysis का काफी महत्व होता है , कोई भी बड़ा Investor किसी भी Company में बिना उस Company का Fundamental Analysis किये उसमे Invest नहीं करता खाश तौर पर कोई Investor अगर लम्बे समय तक किसी Company में Invest करना चाहता है तो वह उस Company का Fundamental Analysis ज़रूर करता है।
तो अगर आप भी Share market में Invest करना चाहते है और अपने पैसे को बढ़ाना चाहते है तो आपको Fundamental analysis करना आना चाहिए। तो आज हम आपको अपने इस Article में Company के Fundamental Analysis कैसे करे सिखने वाले है। तो आप इस Article को Step by Step ज़रूर पढ़े ताकि आप भी Share Market में पैसा कमा सके। सबसे पहले हम जानते है की Fundamental Analysis क्या होता है।
Fundamental Analysis क्या होता है ? Fundamental Of Investment in Hindi .
Fundamental Analysis क्या होता है – Fundamental Analysis का मतलब होता है की किसी भी कंपनी का वह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पता करना जिससे आधार पर यह Company चल रही है और आगे Progress करेगी। जैसे Company की Economic (आर्थिक) जैसे – Company क्या काम करती है , उसका Owner कौन है , Company जबसे सुरु हुई है वह मुनाफा बना रही है या नहीं etc और Company की Financial Report Check करना।
जैसे – Company की balance Sheet देखना , Company का Cash flow Check करना , PE Ratio , PS Ratio , ROE , ROCE Check करना Overall कहे तो वह सभी Details देखना जिससे की यह पता चले की Company Invest करने के लिए सही है या नहीं। आपको Profit होगा या नहीं।
Share Market में किसी भी Company का Fundamental Analysis करने से आपको यह Benefit होता है की आपको Company की सभी Financial Details पता चल जाता है जिससे आपको पता चल जाता है की Company हर साल Profit बना रही है या नहीं और साथ ही साथ आपको यह भी अनुमान लग जाता है की Future में Company का Share Price बढ़ने के आसार है या नहीं।
जाहिर है की अगर कोई Company हर साल मुनाफा बनती है तो Future में उसके Share Price बढ़ेगा ही बढ़ेगा और अगर Share price बढ़ेगा और अगर आपने उस Company में Invest किये होंगे तो आपका पैसा भी बढ़ेगा और आपको Profit होगा।
साथ ही साथ Fundamental Analysis करने से आपको यह भी पता चलता है की Company Overvalued है या Undervalued है यानि Company का Share Price जितना भी है उसके Business के हिसाब से ज्यादा है या कम है। जिससे आपको Share खरीदने में और भी आसानी होगी।
Fundamental Analysis कैसे करे।
Fundamental Analysis कैसे करे – जैसा की मैंने आपको ऊपर बताया है की Fundamental Analysis किसी भी Company की वह सभी जानकारी हासिल करना होता है जिससे आपको यह पता चल सके की आप अगर उस Company में पैसा Invest करेंगे तो आपका पैसा बढ़ेगा की नहीं आपका पैसा Safe रहेगा की नहीं। इसलिए आपको Fundamental Analysis करने के लिए Company को दो तरह से Check करना होता है। जिसे की हमने निचे बताया हुआ है।
Fundamental Analysis दो Steps में करे।
- Qualitative Checking :- Qualitative Checking का मतलब हुआ की कंपनी की वह सभी Details को Check करना जिससे आपको यह पता चल सके की Company कैसी है , क्या काम करती है , Market में उसकी पहचान कैसा है , उसका Owner कौन है। Company जो काम करती है वह Future में चलेगा की नहीं ETC.
- Quantitative Checking :- Quantitative Checking जिसे की हम Financial Checking भी बोल सकते है इसका मतलब हुआ की Company की Financial Report को Check करना जैसे की Company का Balance Sheet देखना जिससे यह पता चल सके की Company ने मुनाफा बनाया या नहीं , Company हर साल Growth कर रही है या नहीं , Company की valuation क्या है ETC.
Qualitative Fundamental Analysis कैसे करे।
जैसा की मैंने आपकों उपर बताया है की Fundamental Analysis में Qualitative Checking करने के लिए आपको Company के वह सभी Details Check करना होता है जिससे आपको Company के बारे में यह पता चल सके की Company कैसी है। तो आपको Company के Qualitative Checking करने के लिए निचे दिए हुए Details को check करना होगा।
Company क्या काम करती है। और Company के competitors को Analysis करे। :-
आप जिस भी Company में भी Invest करना चाहते है या सोच रहे है तो सबसे तो सबसे पहले Check करे की Company Business क्या करती है। जैसे example के तौर पे समझिये की अगर आप Hindustan Unilever में Invest करना चाहते है तो आपको पता होना चाहिए की यह Company Beauty Products बनाती है अगर Pidilite में Invest करते है तो आपको पता होना चाहिए की Pidilite Favicol बनती है। यह जानने के लिए आप simply google पर जाकर Search कर सकते है Company Name Work .
ताकि जब आप यह जान जाएंगे की Company क्या काम करती है तो आप यही काम करने वाली और भी Company को देख सकते है और Compare कर सकते है की कौन सी Company बेहतर Growth दे रही है। इसका एक फायदा यह भी होता है की अगर market में उस तरह का काम कोई नहीं कर रहा है और वह Company अच्छे से काम कर रही है तो वह Definitely Grow करेगी।
Company का Owner कौन है।
Share Market में Invest करने से पहले Company का Owner कौन यह जानना भी ज़रूरी होता है क्यूंकि जिस भी Company में हम Invest करने के बारे में सोच रहे है तो हमे यह पता होना चाहिए की उस Company का Owner कैसा है। जिससे हमे यह बिस्वाश हो सके की जिस Company में हम Invest कर रहे है वह उस Company को Grow करवा सकता है।
जैसे कुछ बड़ी Company है Reliance जिसके मालिक है Mukesh Ambani , Tata जिसके Owner है Ratan Tata , Adani जिसके Owner है Gautam Adani , D-mart जिसके Owner है Radhakrishna Damani यह सभी जो Company के Owner है इनके बारे में हम जानते है और 100% बिस्वाश के साथ यह कह सकते है की ये लोग अपनी Company को डूबने नहीं देंगे। और साथ ही साथ इनके बारे में हम जानते है या Google पर इनके बारे में पढ़ के यह भी कह सकते है की यह कोई Fraud नहीं कर सकते है। इसीलिए इनके Company में invest करना हमारे लिए safe होगा।
इसी तरह जब हम किसी ऐसे Company में जब Invest करते है जिसके Owner के बारे में हम नहीं जानते तो हमे उसके बारे Google पर Search करके उसकी पूरी details history Check करना चाहिए साथ ही साथ यह भी देखना चाहिए की उनपर कोई Legal Court Case तो Past में उसने Fraud तो नहीं किया है अगर Check करने के बाद आपको पता चले की Owner पर किसी तरह की कोई Case या Fraud का News नहीं वह Past में company के लिए कुछ बेहतरीन decision लिए है जिससे Company को काफी फायदा हुआ है तो आप उस Company में Invest करने की सोच सकते है।
Company future में Grow कर सकती है या नहीं सोचे।
जब आप किसी Company का Share खरीदते है , किसी भी Company में अपने पैसे को Invest करते है तो इसलिए करते है की आपका पैसा बढे और आपको फायदा हो। जिसके लिए आपको एक ऐसे Company में Invest करना जरुरी होता है जोकि वह काम करती हो जिसके Future में काफी Use होने वाला है।
जैसे Example के तौर पर समझिये की आने वाली समय में Electric Car बहोत सारी बनने वाली है इसका मतलब है की Future में आने वाले 4 से 5 सालो में जोभी Company Electric Car बनायेगी उसका Sell बढ़ने वाली है। यानि उस Company को काफी फायदा होने वाली है। तो आप वैसी Company में Invest कर सकते है जोकि अभी से Electric Car बनाने पर focus कर रही है।
दूसरा आप इस तरह से सोच सकते है की आने वाला समय electric Car का होने वाला है तो Electric car बनने में Battery का Use होने वाला है। तो आपको वैसी Battery की company में Invest करना है जोकि Electric Car के लिए Battery बनती है। क्यूंकि Future में Definitely वैसी company को फायदा होने वाल है। अगर आप इसी तरह किसी ऐसे Business वाली Company को धुंध पाते है जोकि Future में Grow कर सकती है तो Definitely आपका पैसा बढ़ेगा ही बढ़ेगा।
कुल मिलकर कहे तो Qualitative Analysis में आपको Company से जुडी वह सभी बातो को देखना होता है जिससे आपको पता चले की Company की Quality कैसी है।
Quantitative Fundamental Analysis कैसे करे।
जैसा की मैंने आपको बताया है की Fundamental Analysis में Quantitative Checking करने के लिए आपको Company के Financial Detail को Check करना होता है जिससे की आपको पता चले की यह Company Profit बना रही है या नहीं और यह पता चले की Company में Invest करने से आपको फायदा होगा की नहीं। Company Overvalued है या नहीं यह आपको Fundamental Analysis करने के बाद पता चलेगा।
कुल मिला कर कहे तो Quantitative Fundamental Analysis करने को आप Company की Financial Details Analysis करना भी कह सकते है। तो निचे मैं आपको किसी भी Company की Quantitative Fundamental Analysis कैसे करना है के बारे में step By Step बताने वाला हु तो आप ध्यान से पढ़े।
1. Company की Balance Sheet और Profit Loss Statement Check करे।
किसी भी Company के Balance Sheet में आपको Company के शुरुआत से लेकर अभी तक के सभी Financial Details रहता है जिससे आपको एक मोटा मोटी अंदाजा चल जाता है की साल डॉ साल Progress कर पा रही है या नहीं और साथ ही आपको यह भी पता चल जाता है की Company काम कैसे करती है , company के पास कितना पैसा है , Company के पास कितना क़र्ज़ है Company ने कहा कहा से पैसे लिए है ETC
वही Profit Loss Statement में भी आपको इस तरह के कुछ Financial Details देखने को मिलती है जिससे आपको पता चलता है की Company Profit में चल रहगी है या नहीं। बस इसमें आपको किसी एक साल के Financial Details देखने को मिलता है।
Balance Sheet में आपको Company के बारे में तीन चीज़े देखने को मिलती है:-
- Asset :- Asset यानि सम्पति Assets का मतलब है की Company के पास कुल कितनी सम्पति है इसमें कंपनी की संपत्ति जैसे कि Company के पास नगद कितना Cash है ,Investment कितना किया है , खरीदारी के माध्यम से प्राप्त सामग्री, उत्पाद स्टॉक, आपूर्ति श्रृंखला और अन्य संपत्ति सम्बन्धी तत्व शामिल होते हैं।
- Liabilities :- Liabilities यानि खर्चे और क़र्ज़ इसमें कंपनी द्वारा लिए गए क़र्ज़ , बकाया भुक्तान , कर्जदारों को दिया गया मुनाफा जैसे loan पर दिया गया Interest , बिक्री के माध्यम से उपजित आगमन और अन्य लियाबिलिटी सम्बंधी तत्व शामिल होते हैं। कुल मिलकर Company ने अब तक जोभी खर्चे किये है या आगे करेगी जैसे क़र्ज़ लिया है तो चुकाना है वह सभी Liabilities है।
- Equity :- Equity का मतलब हुआ हिस्सेदारी की Company के Owner का कितना हिस्सा है और कितना Shareholders का हिस्सा है।
Company की balance Sheet कैसे Check करे।
- किस भी Company की balance sheet Check करने के लिए आप Google पर Company की Official Website पर कजाकर Check कर सकते है या फिर Google पर Company का नाम के साथ Balance Sheet लिखकर Search कर सकते है , Moneycontrol और Finology जैसे Website पर या ऐसी ही और भी कुछ Website पर आपको किसी भी Company की Balance Sheet Show हो जायेगी।
- Balance Sheet में आप Company के सभी Assets , Liabilities और Share Holders Equity को Analyse करे। इसमें आपको Total Assets = Liabilities + Share Holders Equity होता है इसलिए इसे Balance Sheet भी कह जाता है।
- Balance Sheet को Company पिछले सालो से भी Comparison करे जिससे आपको Company के Business करने का तरीकला पता चलता है। आप यह भी जान पते है की Company Grow कर रही है या नहीं।
Balance Sheet से आपको Company के काम करने का तरीका और साल दर साल उसकी Progress हुई है या नहीं यह पता चलता है और अगर Company ने Progress करा है तो यानि कह सकते है की Company आगे भी Grow कर सकती है। तो आप ऐसी Company में Invest कर सकते है।
Note :- कई लोगो को Balance Sheet को समझने में परेशानी होती है तो उसके लिए कोई दिकत की बातब नहीं है क्यूंकि अगर आप Balance Sheet Check नहीं भी करते है तो आप आसानी से निचे बताये हुए तरीके को Follow करके आप पता कर सकते है की Company आगे Grow होगी या नहीं।
2. Company की Cashflow Statement चेक करे।
Cashflow में आपको Company के बारे में यह दिखाया जाता है की Company ने अपने Business को Grow करने के लिए कितना पैसा लगाया और कितना पैसा कमाया। कुल मिलकर आपको यह पता चल जाएगा की Company Profit बना रही है या नहीं। Cashflow Statement में आपको हर जानकारी मिल जायेगी की Company के पास कितना पैसा आया कहा से आया और Company ने कहा Invest किया , कितना Tax दिया कितना Profit या Loss हुआ etc.
Company की Cashflow Statement कैसे चेक करे।
किस भी Company की balance sheet Check करने के लिए आप Google पर Company की Official Website पर कजाकर Check कर सकते है या फिर Moneycontrol और Finology जैसे Website पर जाकर यहाँ Company को Search करके उसका हर details जैसे Balance Sheet , Ratios और Cashflow etc check कर सकते है।
इसमें आपको तीन महत्वपूर्ण चीज़े देखने को मिलती है। जिससे आप Cashflow समझ सकते है।
- Operating Cashflow :- Operating cashflow सबसे Important होता है इसमे आपको जो पैसा दिखया जाता है वह होता है जितना पैसा Company ने उस साल कामये अपने Business से जैसे कोई Company है जोकि 100 Crore का सामान बेचती है और 50 crore उसका total खर्चा आया था जैसे उसे बनाने में और employs की सैलरी वगेरा और tax तो 100 cr में से 50 cr minus कर देंगे तो Company का Operating Cashflow होगा 50 Crore यानि Company ने 50 Crore कामये है वही अगर Company के कमी से ज्यादा खर्च हो गया तो यह Operating Cash Flow Negative में चला जाएगा यानि Company को Loss हो रहा है तो अगर Company पिछले कई सालो से Profit बना रही है तो आप इसमें Invest कर सकते है वही अगर Loss में जा रही है तो Invest न करे।
- Investing Cashflow :- Investing Cashflow का मतलब है की Company अपने Business को बढ़ने में कितना Invest कर रही है। जैसे कही कोई जमीन खरीद रही हो नया Factory डालने के लिए , या फिर पैसे किसी Company में Invest कर रही हो etc अगर ऐसा होता है तो Investing Cashflow negative में दीखता है जोकि अच्छी बात है की Company अपने business को बढ़ने के लिए Invest कर रही है और अगर Investing Cashflow Positive में है तो इसका मतलब Company ने अपने कुछ Assets को बेची है।
- Financial Cashflow :- Financial Cashflow का मतलब है Company ने कितने Loan लिए है , या Share Holders को Dividend Pay किया Etc Financial Cashflow Positive तब होता है जब Company ज्यादा loan लेती है जितना की वे चुकती है। Financial Cashflow Positive या Negative हो उससे कोई ज्यादा फर्क नहीं परता क्यूंकि Company ज्यादा Loan लेती है ताकि वह अपने business को बढ़ा सके। लेकिन अगर ज़्यादा लोन भी लेती है तो यह ख़राब है इसके लिए आपको Company की Debit Equity Ratio Check करनी चाइये अगर यह 1 % या उससे कम है तो यह अच्छा है इससे ज़्यादा है तो आप Company में Invest करे।
अगर आपको Cash Flow Statement को समझने में दिकत हो रही है तो आप सिम्पली Ticker.Finology पर जाकर company की CFO Ratio Check करे अगर CFO Ratio 1 या 1 से ज्याद है तो Invest करने के लिए सही है और अगर 1 से कम है तो invest ना करे। और काम से काम 5 साल का CFO ratio देखे।
3. Debit Equity Ratio Check करे।
किसी भी Company में Invest करने से पहले आपको Company का D/E Ratio (Debit Equity Ratio) Check करना बहुत ज़रूरी होता है। D/E Ratio देखने से हमे यह पता चलता है की Company के पास क़र्ज़ ज़्यादा तो नहीं है। किसी भी Company को ज़्यादा क़र्ज़ उस Company को डूबा सकता है। इसलिए जिस Company के पास ज़्यादा क़र्ज़ है उस Company में Invest करने से बचे। और अगर Company के पास ज़्यादा क़र्ज़ नहीं है तो आप उसमे Invest कर सकते है।
कोई भी Company Loan(क़र्ज़) लेती है अपने Business को बढ़ने के लिए जोकि अच्छी बात है ज़्यादातर Company Loan लेकर ही Business करती है। लेकिन Loan अगर ज्यादा होता है। तो Company को दिवाल्या भी हो सकती है इसीलिए हमे Company के पास ज़्यादा Loan है उनमे Invest नहीं करना चाहिए।
अब बात यह आती है की D/E Ratio (Debit Equity Ratio) कितना पैट चलेगा की Company के पास ज़्यादा क़र्ज़ नहीं है तो इसका जवाब है की अगर किसी Company का D/E Ratio (Debit Equity Ratio) 1 के आस पास है जैसे 0.50 से 1.60 के बिच रहे तो अच्छा है इसका मतलब है की Company के पास ज्यादा कर्ज नहीं है और अगर D/E Ratio (Debit Equity Ratio) 2 से ज्यादा है तो इसका मतलब है की company के पास बोहोत क़र्ज़ है अपने कमी से ज़्यदा क़र्ज़ है तो वैसे Company में invest करने से बचना चाहिए।
D/E Ratio (Debit Equity Ratio) check करने के लिए आप Ticker.Finology की Website पर जाकर Company का नाम सर्च करे तब वहा उस Company के सभी Details के साथ साथ जैसे Balance Sheet , Ratios D/E Ratio (Debit Equity Ratio) और Cashflow etc check कर सकते है।
4. EPS (Earning Per Share) Check करे।
EPS (Earning Per Share) का मतलब होता है की साल में Company को एक Share से कितनी कमाई हो रही है जैसे उदाहरण के तौर पर समझिये कोई Company है जिसने 100 Crore रूपए कुल कमाई की है और Company के कुल Share है 10 करोड़ तो 100 crore divided by 10 Crore तो यानि 10 रुपया होगा तो इस Company का EPS 10 रुपया हुआ यानि Company प्रति Share 10 रुपया कमाती है।
EPS जितना ज्यादा होता है Company Invest करने के लिए उतना अच्छा होता है। अगर बाकी सारा Fundamental भी Company की सही होता है और और EPS भी ज्यादा होती है तो आपको उस company में ज़रुर Invest करना चाहिए। सिर्फ EPS देख कर Company में invest न करे।
अगर किसी Company का EPS Negative है तो उसमे बिलकुल Invest नहीं करे। 10 या उससे जितना ज़्यादा हो आपके लिए उतना अच्छा है।
5. P/E Ratio (Price To Earning Ratio) Check करे।
P/E Ratio (Price To Earning Ratio) Check करने से हमे एक हल्का सा अंदाज़ा लग जाता है की Company Overvalued है या Undervalued P/E Ratio का Formula होता है PE ratio = Market Price per Share / Earnings per Share PE ratio ,से हमे यह पता चलता है की हमे Company से 1 रूपया कामने के लिए कितना रूपया देना होगा।
जैसे अगर कोई Company है जिसका एक Share का Price है 100 रुपया और एक शेयर से वह Company अगर 10 रुपया कमाती है तो इसका PE ratio हो जायेगा PE Ratio = Market Price per Share (100) / Earnings per Share (10) तो इस Company का PE ratio हो जाएगा 10 रूपया।
और PE ratio 10 होने का मतलब है की हमे Company से 1 रुपया कमाने के लिए 10 रूपया देना होगा। अब बात यह आता है की PE ratio कितना होगा तो हम है की Company Overvalued है तो अगर किसी Company का PE ratio 30 से ज्यादा है तो Company Overvalued है। और 10 से कम है तो Undervalued है।
तो अगर आप जिस Company में Invest करने की सोच रहे है अगर उस Company की बाकि Quality ठीक है जोभी मैंने ऊपर बताया है और Company पुरानी है जिसपर बिस्वाश किया जा सकता है और इसका PE Ratio कम है तो आप Definitely उस Company में Invest कर सकते है।
लेकिन बड़ी Company जैसे Tata Motors , Adani , Reliance यह सब बड़ी और विस्वसनीय Company है तो अगर इन Company का PE ratio 30 या इससे ज़्यादा भी है तो कोई दिकत नहीं आप इनमे Invest कर सकते है इन Company के High PE ratio होने कला करणम है की लोगो को इन Company के मालिक पर पूरा भरोसा होता है की वह अपनी Company को Grow करेंगे इसलिए लोग इन Company में ज़्यादा पैसा लगते है जिससे इनका Share Price तेज़ी से बढ़ता है और इन PE ratio भी बढ़ता है।
लेकिन वही अगर किसी छोटी या नयी Company का PE Ratio 25 से ज़्यदा है तो आपको इनमे Invest करने से बचना चाहिए।
P/E Ratio (Price To Earning Ratio) check करने के लिए आप Ticker.Finology की Website पर जाकर Company का नाम सर्च करे तब वहा उस Company के सभी Details के साथ साथ जैसे Balance Sheet , Ratios D/E Ratio (Debit Equity Ratio) और Cashflow etc check कर सकते है।
6. ROE (Return On Equity) Check करे।
ROE (Return On Equity) Company के Profit और Investors के Return के Relation को दर्शाता है। यह दर्शाता है की कितना पैसा Company ने Share Holders के Invest किये हुए पैसे से कमाया। ROC जितना ज्यादा होगा मतलब Company अच्छा Profit Company Share Holders के पैसे पे बना रही है।
जैसे उदाहरण के तौर पर समझिये मान लीजिये अगर कोई Company है A जिसके पास Total Share Holders का 500 रुपया है और 500 Company ने क़र्ज़ लिया है यानि टोटल 1000 रूपया है उसने उस 1000 रूपए को Business में लगाया और अगले साल 2000 का Profit कमाया तो इसमें तो ROE 200% का दिखेगा। क्यूंकि Investors का पैसा था 500 और Company ने 2000 रूपए कमाए , लेकिन क्या Company के पास 2000 रहेगा तो इसका जवाब है नहीं क्यूंकि वह 500 रूपए जो क़र्ज़ था वह Company लौटाएगी। तो आपको ROE देखकर तो लगेगा की Company 200 % पैसा बना रही है।
लेकिन असलियत में Company 150 % बना रही है इसलिए जिस भी Company में आप Invest करे अगर उस Company के पास क़र्ज़ है तो आप उस Company का Debit देखिये अगर Company क़र्ज़ फिर आप ROE नहीं ROCE देखिये। जो निचे मैंने बताया है। इसमें आपको एक और बात का ध्यान देना होगा की आप उस Company का Dividend Yeild percent भी देखे अगर Dividend percent कम है 1% या 2% और इसके बाद हभी ROE ज्यादा है और Company ने कोई क़र्ज़ भी नहीं लिया है तो ही आप उस Company में Invest करे क्यूंकि अगर किसी Company का Dividend % ज्यादा होता तो उसका ROE भी बढ़ जाता है।
ROE से यह पता चलता है की Company अपने कमाए हुए पैसे को Reinvest करके कितना तेज़ी से आगे बढ़ रही है। Company साल दर साल Grow कर रही है या नहीं यह देखने के लिए हमे Company के पिछले 5 से 10 साल के ROE को देखना चाहिए और same Sector की Company से Compare करना चाहिए। और जिस Company की ROE ज्यादा है इसका मतलब वह Company की Growth तेज़ी से हुई है तो हम कह सकते है की आगे भी यह Company Grow करेगी। तो जिस Company का ROE ज्यादा है और बाकि सरे Fundamental जोभी मैंने ऊपर बताया है वह सब भी सही तो हम उस Company में Invest कर सकते है।
किसी भी Company की ROE 15 % से ज्याद है तो यह अच्छा माना जाता है। ROE निकलने का Formula होता है ROE = Net Profit – Total Dividend / Share Holders Equity .
लेकिन आज कल हमे कुछ भिओ निकलने की ज़रूरत नहीं होती आप डायरेक्ट किसी भी Company का ROE या कोई Ratio check करने के लिए आप Ticker.Finology की Website पर जाकर Company का नाम सर्च करे तब वहा उस Company के सभी Details के साथ साथ जैसे Balance Sheet , Ratios , Return on Equity और Cashflow etc check कर सकते है।
7. ROCE (Return On Capital Employed) Check करे।
ROCE (Return On Capital Employed) से हमे यह पता चलता है की Company के पास जितना भी पैसा है चाहे वो क़र्ज़ से हो या Share Holders का हो या खुद का उन सभी पैसे को लगाकर कंपनी कितना पैसा कमा रही है।
जैसे उदाहरण के लिए समझिये एक Company है A जिसके पास Total Share Holders का पैसा और क़र्ज़ मिलकर 2000 रुपया है और उसने उस 2000 रूपए को Business में लगाया और उससे 4000 का कमाया।तो Company A का ROCE 200% का हुआ।
ROCE का फार्मूला होता है ROCE = Earning Before Interest and tax / Capital Employed यानि ROCE में जो Company कमाई देखि जाती है वह Company की पूरी कमी देखि जाती है। TAX काटने से पहले और वही ROE में Tax काटने के बाद का Income देखा जाता है।
इसीलिए अगर कोई Company के पास क़र्ज़ नहीं है तो आप उसका ROE % देखे लेकिन अगर क़र्ज़ है तो आपको ROCE % देखना चाहिए। और अगर ROCE % कम से कम 20% से ज्यादा होना चाहिए।
किसी भी Company का ROE या कोई Ratio check करने के लिए आप Ticker.Finology की Website पर जाकर Company का नाम सर्च करे तब वहा उस Company के सभी Details के साथ साथ जैसे Balance Sheet , Ratios , Return on Equity , Return On Capital Employed और Cashflow etc check कर सकते है।
ROE और ROCE में क्या अंतर है।
- ROE और ROCE में पहला फर्क होता है की ROE में हम Company के NET Profit को हम सिर्फ Share Holder Equity से Divide करते है जबकि Company के पास जो क़र्ज़ होता है उसे भी Invest करके पैसा कमाती है वह NET Profit में include होता है और हम सिर्फ Share Holder Equity से Divide करते है और क़र्ज़ लिए हुए पैसे को नहीं Include करते इसलिए ROE ज्यादा दीखता है। वही ROCE में हम Company के पुरे Earning को Shareholders Equity और Debit दोनों जोड़ कर Divide करते है जिससे बिलकुल सही हिसाब लगता है क्यूंकि Company ने जितना पैसा Invest किया क़र्ज़ और Equity मिलकर उससे जो पूरा Earning किया वह ROCE % में दीखता है।
- ROE और ROCE में जो दूसरा फरक होता है वह ये होता है की ROE निकलने के लिए हम NET Profit देखते है यानि जो Company ने कमाई के बाद TAX या Interest भर दिए है उसके बाद जो पैसा बचा। वही ROCE में हम पूरा Earning देखते है की TAX देने के पहले का।
निष्कर्ष :-
तो आज अपने इस Article Fundamental Analysis कैसे करे में हमने आपको बताया है की Fundamental Analysis क्या है , Fundamental Analysis कितने तरह के है , Fundamental Analysis कैसे करे , Quantitative Fundamental Analysis कैसे करे , Qualitative Fundamental Analysis कैसे करे यह सभी को पुरे Detail में बताया है अगर आपको और कुछ Fundamental Analysis या Share Market से जुडी कुछ पूछना है या हमारे इस Article से जुड़ा कुछ पूछना है तो आप Comment करके पूछ सकते है।
धन्यवाद !